भगत नरसी मेहता | Bhagat Narsih Mahta :- >भगत नरसिंह महता एक महान संत, कवि, और समाज सुधारक थे जिन्होंने अपने जीवन में धर्म, सच्चाई, और मानवता के मूल्यों की महत्वपूर्ण बातें सिखाई। उन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से समाज में जागरूकता पैदा की और लोगों को अजानुबहुत्व के प्रतीक के रूप में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
भगत नरसी मेहता | Bhagat Narsih Mahta
भगत नरसिंह महता का जन्म 22 मई, 1678 को उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के बन्दगांव गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम दुर्गा दास था और माता का नाम जीवन कौर था। उनके जीवन का मुख्य उद्देश्य धर्म की प्रचार और समाज के सुधार को प्रोत्साहित करना था।
भगत नरसिंह महता ने अपनी कविताओं के माध्यम से सच्चे धर्म, मानवता, और विश्वास की महत्वपूर्ण बातें सिखाई। उनकी प्रमुख कविता ‘रामचरित मानस’ है, जिसमें वे प्रभु श्री राम के महानतम कृतियों का वर्णन करते हैं। उनकी कविताओं में धार्मिक भावनाओं की महत्वपूर्ण उपासना और नासरत के साथ-साथ समाज में समानता के प्रतीक के रूप में स्त्री-पुरुष के बीच समानता की महत्वपूर्ण बातें दिखती हैं।
उनकी कविताओं में नासरत के उपदेश और मानवता के मूल सिद्धांतों का महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने समाज में जातिवाद, असमानता, और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई और मानवता की एकता की महत्वपूर्ण बातें सिखाई।
भगत नरसिंह महता का आदरपूर्ण जीवन और उनके द्वारा सिखाए गए मूल्यों ने लोगों को उनके आदर्शों की ओर प्रेरित किया। उनकी कविताएँ आज भी हमारे समाज में एकता, शांति, और सद्गुणों की महत्वपूर्ण बातें याद दिलाती हैं और हमें सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा प्रदान करती हैं।