बांस की बांसुरिया पे घणो इतरावे | Baans Ki Bansuriya Pe Ghano Itrave lyrics :->अपने दिन को बेहतर बनाने व् अपने कृष्णा जी के नए नए सुन्दर सुन्दर भजन रोज सुनने के लिए हमारे साथ जुड़े रहे || स्वस्थ रहें मस्त रहें || जय श्री कृष्णा ||
बांस की बांसुरिया पे घणो इतरावे | Baans Ki Bansuriya Pe Ghano Itrave lyrics
बांस की बांसुरिया पे
घणो इतरावे
कोई सोना की जो होती
हीरा मोत्यां की जो होती
जाणे कांई करतो कांई करतो
बांस की बांसुरिया पे
घणो इतरावे।
जेल में जनम लेके
घणो इतरावे
कोई महलां में जो होतो
कोई अंगना में जो होतो
जाणे कांई करतो कांई करतो
बांस की बांसुरिया पे
घणो इतरावे।
देवकी रे जन्म लेके
घणो इतरावे
कोई यशोदा के जो होतो
मां यशोदा के जो होतो
जाणे कांई करतो कांई करतो
बांस की बांसुरिया पे
घणो इतरावे।
गाय को ग्वालो होके
घणो इतरावे
कोई गुरूकुल में जो होतो
कोई विद्यालय में जो होतो
जाणे कांई करतो कांई करतो
बांस की बांसुरिया पे
घणो इतरावे।
गुजरियां की छोरियां पे
घणो इतरावे
ब्राह्मण बनिया की जो होती
सेठ ठाकुरां की जो होती
जाणे कांई करतो कांई करतो
बांस की बांसुरिया पे
घणो इतरावे।
सांवली सुरतिया पे
घणो इतरावे
कोई गोरो सो जो हो तो
कोई सोणो सो जो हो तो
जाणे कांई करतो कांई करतो
बांस की बांसुरिया पे
घणो इतरावे।
माखन और मिश्री पे
घणो इतरावे
छप्पन भोग जो होतो
काजू मेवा जो होतो
जाणे कांई करतो कांई करतो
बांस की बांसुरिया पे
घणो इतरावे।
बांस की बांसुरिया पे
घणो इतरावे
कोई सोना की जो होती
हीरा मोत्यां की जो होती
जाणे कांई करतो कांई करतो
बांस की बांसुरिया पे
घणो इतरावे।