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पार्थिव शिवलिंग | Parthiv shivling

पार्थिव शिवलिंग | Parthiv shivling :->पार्थिव शिवलिंग एक विशेष प्रकार का शिवलिंग है जो पूर्ण रूप से मिट्टी (पार्थिव) से बनाया जाता है। यह शिवलिंग भगवान शिव की पूजा और अर्चना के लिए प्रयोग किया जाता है और इसे धार्मिक अवसरों पर स्थापित किया जाता है। पार्थिव शिवलिंग का उपयोग भक्ति और श्रद्धा से भगवान शिव की आराधना करने के लिए किया जाता है और इससे भक्त को आत्मिक शांति और समृद्धि मिलती है।

पार्थिव शिवलिंग | Parthiv shivling

पार्थिव शिवलिंग का उपयोग महाशिवरात्रि, सावन मास, और अन्य शिव पर्वों में भगवान शिव की पूजा और अर्चना के लिए किया जाता है। यह शिवलिंग धार्मिकता, शुद्धता, और संवेदनशीलता का प्रतीक माना जाता है और इसे पूजने से भक्त को भगवान शिव के प्रति अधिक भाव और श्रद्धा होती है।

पार्थिव शिवलिंग का उपयोग करते समय इसे शुद्ध और सफाई से रखें और भगवान शिव को विशेष मंत्र और स्तुति के साथ आराधना करें। ध्यान दें कि पार्थिव शिवलिंग एक सांसारिक चीज़ है और इसको पूजने के बाद ध्यानपूर्वक इसे इसी तरीके से विसर्जन करें। धर्मिक अनुष्ठानों के प्रति सम्मान रखते हुए, पार्थिव शिवलिंग को अधिकतर धार्मिक पर्वों पर विशेष भक्ति और भाव से पूजा जाता है।

Parthiv shivling banane ki vidhi

सामग्री:

  1. शुद्ध मिट्टी या चिकनी मिट्टी (पार्थिव)
  2. पानी
  3. माला (अनिवार्य नहीं, पूजा के लिए)

कदम 1: साफ़ और शुद्ध मिट्टी या चिकनी मिट्टी को लें और इसे अच्छी तरह से साँचे के रूप में आकार दें। आप चाहें तो इसे लट्ठी या बैलनी की मदद से आकार दे सकते हैं।

कदम 2: अब उपयुक्त साइज़ के विकिरण (यानी उसके शिरोमणि) को बनाएं। इसे ध्यान से और धीरे-धीरे बनाएं ताकि उसमें सही आकार और सुंदरता हो।

कदम 3: अब इस बने हुए शिवलिंग को पानी से भर दें और धीरे-धीरे इसे पुरे रूप में घिसें। इससे शिवलिंग में स्थिरता और मजबूती आएगी।

कदम 4: ध्यान दें कि शिवलिंग की उच्चता और चौड़ाई सही हो। उसके विकिरण के शिरोमणि को अधिक चौड़ा बनाएं और नीचे की ओर घुमाएं ताकि उसकी विशेषता बनी रहे।

कदम 5: अब उसे सूखने के लिए धूप में रखें या सूखने के लिए खुली जगह पर रख दें। इसे पूरी तरह से सूखने दें जिससे इसका स्थिर रूप बना रहे।

आपका पार्थिव शिवलिंग तैयार है! इसे अपने पूजा स्थल पर रखें और भगवान शिव की पूजा और अर्चना करें। ध्यान दें कि इसे समय-समय पर सफाई करते रहें और प्रतिदिन इसे धूप और गंगाजल से धोएं। इससे पार्थिव शिवलिंग की सुंदरता और शक्ति बनी रहेगी।

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