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Shitala Chalisa (इसे पढ़ने से होगी सभी मनोकामनाएं पूर्ण)

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शीतला चालीसा | Shitala Chalisa :->नवरात्री स्पेशल 2022 | शीतला माता चालीसा | Shitala Mata Chalisa | Padma Jha Bhakti Ras Entertainment

शीतला चालीसा | Shitala Chalisa

** दोहा**
जय जय माता शीतला
तुमहिं धरै जो ध्यान *
होय विमल शीतल हृदय
विकसै बुद्धी बल ज्ञान **

घट-घट वासी शीतला
शीतल प्रभा तुम्हार *
शीतल छइयां में झुलई
मइयां पलना डार **

** चौपाई **
जय-जय-जय श्री शीतला भवानी *
जय जग जननि सकल गुणधानी **

गृह-गृह शक्ति तुम्हारी राजित *
पूरण शरदचंद्र समसाजित **

विस्फोटक से जलत शरीरा *
शीतल करत हरत सब पीड़ा **

मात शीतला तव शुभनामा *
सबके गाढे आवहिं कामा 4

शोक हरी शंकरी भवानी *
बाल-प्राणक्षरी सुख दानी **

शुचि मार्जनी कलश करराजै *
मस्तक तेज सूर्य सम साजै **

चौसठ योगिन संग में गावैं *
वीणा ताल मृदंग बजावै **

नृत्य नाथ भैरौं दिखलावैं *
सहज शेष शिव पार ना पावैं 8

धन्य धन्य धात्री महारानी *
सुरनर मुनि तब सुयश बखानी **

ज्वाला रूप महा बलकारी *
दैत्य एक विस्फोटक भारी **

घर घर प्रविशत कोई न रक्षत *
रोग रूप धरी बालक भक्षत **

हाहाकार मच्यो जगभारी *
सक्यो न जब संकट टारी 12

तब मैंय्या धरि अद्भुत रूपा *
कर में लिये मार्जनी सूपा **

विस्फोटकहिं पकड़ि कर लीन्हो *
मूसल प्रमाण बहुविधि कीन्हो **

बहुत प्रकार वह विनती कीन्हा *
मैय्या नहीं भल मैं कछु कीन्हा **

अबनहिं मातु काहुगृह जइहौं *
जहँ अपवित्र वही घर रहि हो 16

अब भगतन शीतल भय जइहौं *
विस्फोटक भय घोर नसइहौं **

श्री शीतलहिं भजे कल्याना *
वचन सत्य भाषे भगवाना **

पूजन पाठ मातु जब करी है *
भय आनंद सकल दुःख हरी है **

विस्फोटक भय जिहि गृह भाई *
भजै देवि कहँ यही उपाई 20

कलश शीतलाका सजवावै *
द्विज से विधीवत पाठ करावै **

तुम्हीं शीतला जगकी माता *
तुम्हीं पिता जग की सुखदाता **

तुम्हीं जगद्धात्री सुखसेवी *
नमो नमामी शीतले देवी **

नमो सुखकरनी दु:खहरणी *
नमो- नमो जगतारणि धरणी 24

नमो नमो त्रलोक्य वंदिनी *
दुखदारिद्रक निकंदिनी **

श्री शीतला शेढ़ला महला *
रुणलीहृणनी मातृ मंदला **

हो तुम दिगम्बर तनुधारी *
शोभित पंचनाम असवारी **

रासभ खर बैसाख सुनंदन *
गर्दभ दुर्वाकंद निकंदन 28

सुमिरत संग शीतला माई
जाही सकल सुख दूर पराई **

गलका गलगन्डादि जुहोई *
ताकर मंत्र न औषधि कोई **

एक मातु जी का आराधन *
और नहिं कोई है साधन **

निश्चय मातु शरण जो आवै *
निर्भय मन इच्छित फल पावै 32

कोढी निर्मल काया धारै *
अंधा दृग निज दृष्टि निहारै **

बंध्या नारी पुत्र को पावै *
जन्म दरिद्र धनी होइ जावै **

मातु शीतला के गुण गावत *
लखा मूक को छंद बनावत **

यामे कोई करै जनि शंका *
जग मे मैया का ही डंका 36

भगत ‘कमल’ प्रभुदासा *
तट प्रयाग से पूरब पासा **

ग्राम तिवारी पूर मम बासा *
ककरा गंगा तट दुर्वासा **

अब विलंब मैं तोहि पुकारत *
मातृ कृपा कौ बाट निहारत **

पड़ा द्वार सब आस लगाई *
अब सुधि लेत शीतला माई 40

** दोहा **
यह चालीसा शीतला
पाठ करे जो कोय *
सपनें दुख व्यापे नही
नित सब मंगल होय **

बुझे सहस्र विक्रमी शुक्ल
भाल भल किंतू *
जग जननी का ये चरित
रचित भक्ति रस बिंतू **
** इति श्री शीतला चालीसा **

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