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ब्रज के होली गीत | Brij Holi Lok Geet

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ब्रज के होली गीत | Brij Holi Lok Geet :->कृष्णा जी का सबसे प्यारा होली गीत !! होली खेलन आयो श्याम आज !! Best Bhajan

ब्रज के होली गीत | Brij Holi Lok Geet

आज बिरज में होरी रे रसिया
होरी तो होरी बरजोरी रे रसिया
उड़त अबीर गुलाल कुमकुमा
केशर की पिचकारी रे रसिया
आज बिरज में होरी रे रसिया
उतते ग्वाल बाल सब आवत
इत वृषभान दुलारी रे रसिया।
आज बिरज में होरी रे रसिया
बाजत बीन मृदंग पखावज
गावत दे दे तारी रे रसिया।
आज बिरज में होरी रे रसिया
श्याम श्यामली खेलें होरी
अद्भुत रूप तिहारों रे रसिया।
आज बिरज में होरी रे रसिया
अपने अफने घर से निकली
कोई गोरी कोई कारी रे रसिया
आज बिरज में होरी रे रसिया

होली खेलन आयो श्याम
आज याको रंग में बोरो रे
होली खेलन आयो श्याम
आज याको रंग में बोरो रे

कोरे कोरे कलश मंगाय सखी री
उसमें केसर घोरी रे
होली खेलन आयो श्याम
आज याको रंग में बोरो रे

मुख पै मल्यो गुलाल सखी री
कीन्हों काले ते गोरी रे
होली खेलन आयो श्याम
आज याको रंग में बोरो रे

हरे हरे बांस की पोरी सखी री
छीन छपट करी चोरी रे
होली खेलन आयो श्याम
आज याको रंग में बोरो रे

लोक लाज कुल की मर्यादा
सखी! फागुन में छोड़ी रे
होली खेलन आयो श्याम
आज याको रंग में बोरो रे

आज बृज में होली रे रसिया।
होरी रे रसिया बरजोरी रे रसिया॥

अपने अपने घर से निकसी
कोई श्यामल कोई गोरी रे रसिया।

कौन गावं केकुंवर कन्हिया
कौन गावं राधा गोरी रे रसिया।

नन्द गावं के कुंवर कन्हिया
बरसाने की राधा गोरी रे रसिया।

कौन वरण के कुंवर कन्हिया
कौन वरण राधा गोरी रे रसिया।

श्याम वरण के कुंवर कन्हिया प्यारे
गौर वरण राधा गोरी रे रसिया।

इत ते आए कुंवर कन्हिया
उत ते राधा गोरी रे रसिया।

कौन के हाथ कनक पिचकारी
कौन के हाथ कमोरी रे रसिया।

कृष्ण के हाथ कनक पिचकारी
राधा के हाथ कमोरी रे रसिया।

उडत गुलाल लाल भए बादल
मारत भर भर झोरी रे रसिया।

अबीर गुलाल के बादल छाए
धूम मचाई रे सब मिल सखिया।

चन्द्र सखी भज बाल कृष्ण छवि
चिर जीवो यह जोड़ी रे रसिया।

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