Navratri 5 th Day Katha :-> सबसे पहले नवरात्रों की आप सबको बहुत सारी बधाई दोस्तों आज पांचवा नवरात्र माता स्कंद माता का नवरात्र है माता स्कंदमाता भक्तों की मनोकामना को पूर्ण करने वाली है जिनके संतान योग नहीं है माता उनको संतान प्राप्त करती है
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Navratri 5th Day Katha
सबसे पहले तो आप इस बात पर ध्यान दें कि जिन भी लोगों के औलाद सुख नहीं है जो औलाद से वंचित है और जिनकी औलाद जिनके बच्चे उनका कहना नहीं मानते उनके लिए स्कंदमाता की पूजा करनी तो बहुत ज्यादा अनिवार्य है इसके बारे में हमारे शास्त्रों में भी वर्णित है|
दोस्तों शास्त्र में बताइए यही बातें हैं उनका बहुत ही महत्व है और दो माता स्कंद माता के बारे में तो शास्त्रों में बताया गया है कि यह मनचाहे भर देने वाली है |
कब है पांचवा नवरात्र और क्या है शुभ मुहूर्त
पांचवा नवरात्र 19 तारीख 10वें महीने यानी अक्टूबर के महीने में पढ़ रही है और इसका शुभ समय सुबह 4:30 से लेकर 7:15 तक का है | वैसे तो भक्त भक्त कभी भी मन की कर सकता है लेकिन बहुत से लोग इस बात को पूछते हैं शुभ मुहूर्त बताएं तो इसलिए हम आपको बता रहे हैं |
और अन्यथा आप किसी भी समय साफ-सफाई का ध्यान देकर मादा की पूजा अर्चना कर सकते हैं|
पूजा क्या करने की विधि
अपने घर की साफ सफाई कर कर और अपने आसन को अच्छे से लगा दें और अपने आसपास सफाई रखें और माता के समक्ष घी का दीपक प्रज्वलित करें और धूप भी अर्पण करें और उसके बाद मद के समक्ष बैठकर अगर हो सके तो आप दुर्गा चालीसा और विंधेश्वरी चालीसा का पाठ करें और भगवती स्तोत्र जकिल कामशोत्तम जिसको भी आप कर सकते हैं दोस्तों हमारा मानना है की पूजा जितनी साधारण हो सके और जितनी ज्यादा भाव से हो सके वह ज्यादा सही रहती है मन को भाव अत्यधिक प्रिय है मन को भाव से अपनी प्रार्थना करेंगे तो मां की आवश्यक सुनेगी |
मां को क्या चढ़ाना चाहिए
दोस्तों मां भगवती को हो सके तो आप इस दिन केले चढ़ाई और पीले पुष्प चढ़ाएं और आपके और जो आपके मन में इच्छा होती है वह शुद्ध मन से शुद्ध भाव से मां के समक्ष चढ़ा दें|
इस दिन माता स्कंदमाता के यह अवश्य कर लें
दोस्तों जिन लड़का लड़कियों के विवाह नहीं होते वह इस देना माता के या किसी भी धार्मिक स्थल पर जाकर चने की दाल और केले अथवा वस्तु मंदिर में अर्पण करें और पांचवी नवरात्रि से लेकर हर वीरवार साथ वीरवार या 11 वीरवार तक भगवती को यही भेंट मंदिर में या किसी भी धार्मिक स्थल पर चढ़ा दें| तो माता रानी की कृपा से अवश्य ही जिनके विवाह में रुकावट आती है उनका विवाह होना सम तय हो जाएगा|
और जिनको औलाद सुख नहीं हो पा रहा है वह भी मन के समक्ष प्रार्थना करें मंदिर में जाकर मां के नाम से केले चढ़ाई प्रसार चढ़ाई अवश्य मन आपको पुत्र प्रदान करें