भारतीय संस्कृति में नागों की महत्वता क्यों है? :->ज्योतिष शास्त्र में प्रत्येक तिथि के स्वामी अलग-अलग है| पंचमी तिथि के स्वामी नाग देवता है| श्रावण मास की पंचमी को नाग पंचमी कहते हैं वेद पुराणों के अनुसार नागों की उत्पति महा ऋषि कश्यप की पत्नी कदमों से हुई है|
भारतीय संस्कृति में नागों की महत्वता क्यों है?
इनका निवास पताल लोक है नागकन्या अप्सराओं के समान सुंदर होती हैं तभी गोस्वामी तुलसीदास जी ने रावण की पत्नी को नाग कुमारी कहां है| नागों का सभी देवताओं से गहरा संबंध है– भगवान विष्णु की शैया को चाहे शंकर के गले का हार हो गणेश जी को किस तरह विभूषित कहा गया है सूर्य के रथ में 12 नाग 12 महीनों में बदल बदल कर रख को खींचते हैं|
नील मत पुराण के अनुसार कश्मीर सुनील नाग की देर है वहां अनंतनाग नाम का प्रसिद्ध स्थान इस बात की पुष्टि करता है| देवी पुराण व महाभारत के अनुसार सर्प पूजा मंत्र जप से सर्प भय समाप्त होता है|
नाक को धन और काम का प्रतीक भी बताया गया है नागमणि का रक्षक और स्वामी है धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पंचमी से 1 दिन पहले चौथ की शाम को चने मोड आदि होते हैं अगले दिन प्रात ठंडी रोटी का ग्रास लेकर एक रस्सी में 7 ग्रंथि लगाकर नागदा प्रतिरूप बनाते हैं|
दूध जल मोड कार्य आदि से नाग की पूजा का नाग देवता की कथा सुनते हैं