Source:-https://bhajansimran.com/मधुराष्टकम्-madhurashtakam-lyrics/ अधरं मधुरं वदनं मधुरं नयनं मधुरं हसितं मधुरम् , हृदयं मधुरं गमनं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ॥ श्रीमधुराधिपति का सभी कुछ मधुर है. उनके होठ मधुर हैं, मुख मधुर है, आंखें मधुर हैं, हास्य मधुर है. हृदय मधुर है, गति भी गति मधुर है. वचनं मधुरं चरितं मधुरं वसनं मधुरं वलितं मधुरम् , चलितं मधुरं भ्रमितं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ॥ उनके वचन मधुर हैं, चरित्र मधुर हैं, वस्त्र मधुर हैं, अंगभंगी मधुर है. चाल मधुर है और भ्रमण भी अति मधुर है. श्रीमधुराधिपति का सभी कुछ मधुर है. वेणुर्मधुरो रेणुर्मधुरः पाणिर्मधुरः पादौ मधुरौ , नृत्यं मधुरं सख्यं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ॥ अर्थ :-उनका वेणु मधुर है, चरण की धूल मधुर है, करकमल मधुर है, चरण मधुर है. नृत्य मधुर है, सख्य भी अति मधुर है. श्रीमधुराधिपति का सभी कुछ मधुर है. गीतं मधुरं पीतं मधुरं भुक्तं मधुरं सुप्तं मधुरम् , रूपं मधुरं तिलकं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ॥ अर्थ :-उनका गान मधुर है, पान मधुर है, भोजन मधुर है, शयन मधुर है. रूप मधुर है, तिलक भी अति मधुर है. श्रीमधुराधिपति का सभी कुछ मधुर है. | करणं मधुरं तरणं मधुरं हरणं मधुरं रमणं मधुरम् , वमितं मधुरं शमितं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ॥ अर्थ :-उनका कार्य मधुर है, तैरना मधुर है, हरण मधुर है, रमण मधुर है, उद्धार मधुर है और शांति भी अति मधुर है. श्रीमधुराधिपति का सभी कुछ मधुर है. गुञ्जा मधुरा माला मधुरा यमुना मधुरा वीची मधुरा , सलिलं मधुरं कमलं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ॥ अर्थ :-उनकी गुंजा मधुर है, माला मधुर है, यमुना मधुर है, उसकी तरंगें मधुर हैं, उसका जल मधुर है और कमल भी मधुर है. श्रीमधुराधिपति का सभी कुछ मधुर है. | गोपी मधुरा लीला मधुरा युक्तं मधुरं मुक्तं मधुरम् , दृष्टं मधुरं शिष्टं मधुरंमधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ॥ अर्थ :-गोपियां मधुर हैं, उनकी लीला मधुर है, उनका संयोग मधुर है, वियोग मधुर है, निरीक्षण मधुर है और श‍िष्टाचार मधुर है. श्रीमधुराधिपति का सभी कुछ मधुर है| गोपा मधुरा गावो मधुरा यष्टिर्मधुरा सृष्टिर्मधुरा , दलितं मधुरं फलितं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ॥ अर्थ :-गोप मधुर हैं, गौएं मधुर हैं, लकुटी मधुर है, रचना मधुर है, दलन मधुर है और उसका फल भी अति मधुर है. श्रीमधुराधिपति का सभी कुछ मधुर है. |