राधा रानी और भगवान श्रीकृष्ण का मिलन उनके बचपन में हुआ था
इसके बारे में भगवान श्रीकृष्ण के लीला कवियों और भक्तों के ग्रंथों में अनेक कथाएं प्राप्त हैं, जो उनके बचपन के प्रेम और लीलाओं को वर्णित करती हैं।
बचपन में, श्रीकृष्ण और राधा रानी वृंदावन के ग्रामीण इलाके में अपने खिलवाड़ियों के साथ खेलते थे और उनकी आदर्श भक्त-प्रेमिका की भूमिका निभाती थीं।
उनका मिलन एक अत्यंत पवित्र और दिव्य प्रेम की कहानी का हिस्सा है और इसे "रास लीला" के रूप में विशेष रूप से जाना जाता है
रास लीला में, भगवान श्रीकृष्ण अपनी प्रिय गोपियों के साथ रास मंडल में रास खेलते हैं, और राधा रानी उनकी प्रमिका बनती हैं।
यह खेल उनके प्रेम और समर्पण की आदर्श रूप से प्रस्तुति करता है और उनके प्रेम की नगरी वृंदावन की महिमा को महसूस कराता है।
इसलिए, भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी का मिलन उनके बचपन के दिनों में हुआ था
यह लीला उनके नाटकीय और आकर्षक व्यवहार को दिखाती है और उनके प्रेम की अनगिनत मान्यताओं का हिस्सा है।
उनका प्रेम उनके लीलाओं और भक्ति के रूप में जाना जाता है।
उनका प्रेम उनके लीलाओं और भक्ति के रूप में जाना जाता है।
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