chaitr navratri 2023 :- नवरात्र के साथ में दिन भगवती कालरात्रि की पूजा की जाती है | देवी दुर्गा की सातवीं शक्ति मां कालरात्रि का स्वरूप अत्यंत भयंकर है| त्रिनेत्र धारणी मां कालरात्रि चार भुजाओं वाली द्रव्य पर सवार होकर दोस्तों को वह प्रदान करती है| तथा जो प्राणी माता के स्वरूप का ध्यान करते हैं उनके लिए समस्त सिद्धियों का द्वार खोल देती है अर्थात साधकों के लिए शुभ फल प्रदान ई माता कालरात्रि की कृपा यह समस्त मनोरथ पूर्ण होते हैं माता की आराधना एवं साधना हेतु सर्वप्रथम चौकी पर देवी कालरात्रि की प्रतिमा स्थापित करें तत्पश्चात रक्त वर्ण वस्त्र या यंत्र की स्थापना करके विधिवत पूजन करें|
समस्त चिंताओं को हरण करने वाली माता का ध्यान करतेa हुए मंत्र पढ़ें:-
करालरूपा कालाब्जा समानाकृति विग्रह |
कालरात्रि शुद्ध दधाद देवी चण्डाहटटहासिनी ||
मंत्र पढ़ने के पश्चात पंचोपचार विधि से पूजन करके नवेद अर्पित कर मंत्र पाठ करें:-
(लीं क्री हुं)
इस मंत्र के पाठ से देवी भगवती प्रसन्न होकर साधक को मनोवांछित फल प्रदान करती हैं |एक बार इसे पढ़ने से पहले अपने पंडित जी से अवश्य पूछने
Read Also- यह भी जानें
- शैलपुत्री माता आरती | Maa Shailputri Ki Aarti
- मां कात्यायनी आरती | Katyayani Mata Aarti
- मां कालरात्रि की आरती | Kaalratri Mata Ki Aarti
- महागौरी की आरती | Mahagauri Aarti
- मां चंद्रघंटा की आरती | Chandraghanta Mata Aarti
- मां सिद्धिदात्री की आरती | Siddhidatri Mata Aarti
- कुष्मांडा माता की आरती | Khusmaanda Mata Aarti