जितिया व्रत कथा | Jitiya Vrat Katha :–>Jitiya Puja Kab Hai 2023 | जितिया व्रत 2023 में कब हैं | Jivitputrika Vrat 2023 Date Time | Jitiya vrat kab hai 2023, जितिया 2023, जितिया कब है 2023, जीवित्पुत्रिका कब है, जीवित्पुत्रिका पारण कब करे, जीवित्पुत्रिका नहाय खाय तिथि, जीवित्पुत्रिका मुहूर्त 2023, जीवित्पुत्रिका कथा, जीवित्पुत्रिका पूजा विधि,जीवित्पुत्रिका व्रत कथा
जितिया व्रत कथा | Jitiya Vrat Katha
इस कथा के अनुसार जीमूतवाहन गंधर्व के बुद्धिमान और राजा थे| जीमूतवाहन शासक बनने से संतुष्ट नहीं थे और परिणामस्वरूप उन्होंने अपने भाइयों को अपने राज्य की सभी जिम्मेदारियां दीं और अपने पिता की सेवा के लिए जंगल में चले गए| एक दिन जंगल में भटकते हुए उन्हें एक बुढ़िया विलाप करती हुई मिलती है| उन्होंने बुढ़िया से रोने का कारण पूछा| इसपर उसने उसे बताया कि वह सांप (नागवंशी) के परिवार से है और उसका एक ही बेटा है| एक शपथ के रूप में हर दिन एक सांप पक्षीराज गरुड़ को चढ़ाया जाता है और उस दिन उसके बेटे का नंबर था|
उसकी समस्या सुनने के बाद जिमूतवाहन ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह उनके बेटे को जीवित वापस लेकर आएंगे| तब वह खुद गरुड़ का चारा बनने का विचार कर चट्टान पर लेट जाते हैं| तब गरुड़ आता है और अपनी अंगुलियों से लाल कपड़े से ढंके हुए जिमूतवाहन को पकड़कर चट्टान पर चढ़ जाता है| उसे हैरानी होती है कि जिसे उसने पकड़ा है वह कोई प्रतिक्रिया क्यों नहीं दे रहा है| तब वह जिमूतवाहन से उनके बारे में पूछता है| तब गरुड़ जिमूतवाहन की वीरता और परोपकार से प्रसन्न होकर सांपों से कोई और बलिदान नहीं लेने का वादा करता है| मान्यता है कि तभी से ही संतान की लंबी उम्र और कल्याण के लिए जितिया व्रत मनाया जाता है|
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