जिंदगी एक किराये का घर है | Jindagi ek kiraye ka ghar hai lyrics :—>सुंदर भजन भक्ति भावना को बढ़ाने वाला है यह भजन पंडित प्रेमभूषण जी महाराज
जिंदगी एक किराये का घर है | Jindagi ek kiraye ka ghar hai lyrics
जिंदगी एक किराये का घर है,
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा
मौत जब तुझको आवाज देगी,
घर से बाहर निलना पड़ेगा ॥
मौत का बजा जिस दिन डंका
फूँक दी तब पल में सोने की लंका
कर गयी मौत रावण का बांका
वैसे तुझको भी जलना पड़ेगा
जिंदगी एक किराये का घर है,
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा…
रात के बाद होगा सवेरा
देखना हो अगर दिन सुनहरा
पाँव फूलों पे रखने से पहले
तुझको काँटों पे चलना पड़ेगा
जिंदगी एक किराये का घर है,
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा…
ये जवानी है दो दिन का सपना,
ढूँढ ले तू जल्द राम अपना
ये जवानी अगर ढाल गयी तो,
उमर भर हाथ मलना पड़ेगा
जिंदगी एक किराये का घर है,
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा…
ये तसवुर ये जोशो-जवानी
चाँद लम्हों ही कहानी
ये दिया शाम तक देख लेना
चड़ते सूरज को ढालना पड़ेगा
जिंदगी एक किराये का घर है,
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा
मौत जब तुझको आवाज देगी,
घर से बाहर निलना पड़ेगा…*2