हरी नाम नहीं तो जीना क्या | Hari Naam Nahi To Jeena Kya lyrics :-> यह सुंदर भजन परम पूज्य संत प्रेमभूषण महाराज जी द्वारा गायन किया गया है यह भजन उत्तर भारत और विश्व भर में राम भक्तों वैष्णव जनों में बहुत प्रसिद्ध है
हरी नाम नहीं तो जीना क्या | Hari Naam Nahi To Jeena Kya lyrics
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरी नाम जगत में
इसे छोड़ विषय रस पीना क्या
काल सदा अपने रस डोले
ना जाने कब सर चढ़ बोले।
हर का नाम जपो निसवासर
अगले समय पर समय ही ना ||
भूषन से सब अंग सजावे
रसना पर हरी नाम ना लावे।
देह पड़ी रह जावे यही पर
फिर कुंडल और नगीना क्या ||
तीरथ है हरी नाम तुम्हारा
फिर क्यूँ फिरता मारा मारा।
अंत समय हरी नाम ना आवे
फिर काशी और मदीना क्या ||