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घनश्याम तेरी बंसी पागल | Ghanshyam Teri Bansi lyrics

घनश्याम तेरी बंसी पागल | Ghanshyam Teri Bansi lyrics :->यह सुंदर भजन भक्ति भावना को बढ़ाने वाला है | यह भजन भगवान के श्री चरणों के प्रति पैदा करने के लिए  है| कृपया ऐसे भजन के अपने  परिवार और अपने दोस्तों के साथ शेयर करें धन्यवाद

घनश्याम तेरी बंसी पागल | Ghanshyam Teri Bansi lyrics

घनश्याम तेरी बंसी पागल कर जाती है
घनश्याम तेरी बंसी पाग़ल कर जाती हैं
मुस्कान तेरी मोहन
मुस्कान तेरी मोहन घायल कर जाती है
घनश्याम तेरी बंसी पागल कर जाती है

सोने की होती तो क्या करते तुम मोहन
सोने की होती तो क्या करतें तुम मोहन
ये बाँस की होकर भी
ये बांस की होकर भी दुनियाँ को नचाती है
घनश्याम तेरी बंसी पागल कर जाती है
घनश्याम तेरी बंसी पाग़ल कर जाती हैं

तुम गौरे होते तो क्या कर जाते मोहन
जब काले रँग पर ही
जब काले रंग पर ही दुनियाँ मर जाती है
घनश्याम तेरी बंसी पागल कर जाती है
घनश्याम तेरी बंसी पाग़ल कर जाती हैं

दुख दरदों को सहना बंसी ने सिखाया है
दुख दरदों को सहना बंसी ने सिखाया है
इसके छेद है सीने में
इसके छेद है सीने में फिर भी मुस्काती है
घनश्याम तेरी बंसी पागल कर जाती है
घनश्याम तेरी बंसी पाग़ल कर जाती हैं

कभी रास रचाते हो कभी बंसी बजाते हो
कभी रास रचाते हो कभी बंसी बजाते हो
कभी माख्नन खाने की
कभी माखन खाने की मन में आ जाती है
घनश्याम तेरी बंसी पागल कर जाती है
घनश्याम तेरी बंसी पाग़ल कर जाती हैं
घनश्याम तेरी बंसी पागल कर जाती है
मुस्कान तेरी मोहन घायल कर जाती है

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