गायत्री मंत्र |गायत्री मंत्र का क्या अर्थ है :-> माना जाता है कि गायत्री मंत्र का जप करने से व्यक्ति को भगवान की स्मिता प्राप्त होती है या उसकी अनुभूति होती है। गायत्री मंत्र के बीच में जो उस शब्द हैं उसमें ब्रह्मा विष्णु महेश का वास है। और यह मंत्र साक्षात ईश्वर रूप है। इसका जप करने से अथवा या माला करने से व्यक्ति शव कर्मा और बंधनों से मुक्त होता है। यह पाप मुक्त गायत्री मंत्र इसको गायत्री महामंत्र भी कहते हैं। प्रतिरोध इस कई एक माला करने से आदमी सब दुखों से दूर रहता है।
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गायत्री मंत्र |गायत्री मंत्र का क्या अर्थ है | Gayatri Mantra ka kya arth hai|What is the meaning of Gayatri Mahamantra | Gayatri Mantra
नवरात्रों में गायत्री महामंत्र का पाठ करने से आत्मिक शांति प्राप्त होने के साथ-साथ महान पुण्य फल प्राप्त होते हैं। अतः गायत्री मंत्र का पाठ अवश्य करें।
1:गायत्री मंत्र हिंदी में| गायत्री मंत्र इन हिंदी:-
ओम भूर्भुव स्व तत्सवितुर्वरेंयं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न प्रचोदयात्।
2:गायत्री मंत्र का क्या अर्थ |गायत्री मंत्र हिंदी अर्थ सहित
– उस प्राण स्वरूप दुख नाशक सुख रूप स्वरूप श्रेष्ठ तेजस्वी पाप नाशक देव स्वरूप परमात्मा की शक्ति को हम अपने अंतःकरण में धारण करें और परमात्मा की वह शक्ति से हमारी बुद्धि को सन्मार्ग होकर हम लोग कल्याण करें।
गायत्री महामंत्र के प्रणव ओम के बाद आने वाली तीन आहुतियां भूर्भुव स्व को बीज मंत्र जाने। यह आहुतियां ब्रह्मा विष्णु एवं महेश रूप में संसार की सृष्टि पालक एवं सहार कारक है।
शक्ति स्वरूप देवी की अनेक प्रकार से पूजा होती है। सर्वेत्र देवी की कृपा व्याप्त है। किंतु उनकी प्रत्यक्ष कृपा प्राप्त करने के लिए आराधना परम आवश्यक है।
गायत्री मंत्र गायत्री मंत्र
3:गायत्री मंत्र का जाप :->
गायत्री मंत्र की माला करने से या अथवा उसके 108 दाने करने से व्यक्ति ही सब कर्मों से मुक्त हो जाता है और उसकी जीवन में पीड़ा नाम की कोई चीज नहीं रहती। गायत्री मंत्र साक्षात ईश्वर रूप है। ऋषि अथवा सिद्धपुर सिर्फ और सिर्फ गायत्री मंत्र का ही जप करते हैं।
4:गायत्री मंत्र जपने का नियम:->
मंत्र का जप सदैव शुद्ध अवस्था में ही करें। और इसका जब सदैव आसन लगाकर जल का लोटा साथ में रखकर बैठकर करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति शुभ फल प्राप्त करते हैं। गायत्री मंत्र जप करने पर सबसे अच्छा है कि हम साथ में ओम का ध्यान करें।सात्विक आचरण धारण करना अनिवारिया है
5: गायत्री मंत्र के चमत्कार
1 गायत्री मंत्र के नियमित तीन बार जप करने से आदमी हर तरह की भूत प्रेत अथवा बाधा तंत्र मंत्र जादू टोटके से दूर रहता है यानी नेगेटिव एनर्जी नकारात्मक शक्तियां उसके पास नहीं आती।
2 श्री मंत्र 24 अक्षरों का है यानी 24 शक्ति सिद्धियों के प्रतीक है। शरीर पर इसका।
3 अगर कोई व्यक्ति गायत्री मंत्र में श्री लगाकर जब करता है तो वह चाहे कितना भी आर्थिक संकट से दरिद्र हो वह उस संकट से बाहर निकल आता है।
4गायत्री मंत्र में साक्षात सरस्वती माता का वास है इसका जब करने से व्यक्ति बुद्धि को प्राप्त करता है।
5 श्री मंत्र का जाप करने से व्यक्ति की सभी चाहत खत्म होने लगती हैं।
6:पितृ गायत्री मंत्र-
ॐ पितृ गणाय विद्महे जगतधारिणे धीमहि तन्नो पित्रो प्रचोदयात् ।।
7: सूर्य गायत्री मंत्र-
ॐ आदित्याय विदमहे प्रभाकराय धीमहितन्न: सूर्य प्रचोदयात्
8:-अनुराधा पौडवाल गायत्री मंत्र | गायत्री मंत्र हिंदी में डाउनलोड
9:-गायत्री मंत्र रिंगटोन:
गायत्री मंत्र |गायत्री मंत्र का क्या अर्थ है