माता सिद्धिदात्री समस्त सिद्धियों को प्रदान करने वाली है | माता सिद्धिदात्री की आराधना नवरात्र के अंतिम दिन अर्थात नवम दिन होती है | यह मां दुर्गा की नवीं शक्ति है माता सिद्धिदात्री उन लोगों के लिए वरदान है जो सिद्धियों को प्राप्त करना चाहते हैं और अपने मनवांछित कार्य करवाना चाहते हैं
अष्ट सिद्धियों को प्रदान करने वाली देवी सिद्धिदात्री की कृपा से समस्त सुख प्राप्त होते हैं नवमी के दिन मां के पूजन का विधान है साधना हेतु सर्वप्रथम सिद्धिदात्री भगवती की प्रतिमा स्थापित करें पर पुष्पांजलि मां के चरणों में अर्पित कर हाथ जोड़े फिर धूप ,दीप, नैवेद्य अर्पित कर 108 बार नीचे लिखे मंत्र का पाठ करें|
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे
ॐ सिद्धिदात्र्यै देव्यै नम:।
तत्पश्चात आरती करें और भजन कीर्तन करके आराधना संपन्न करें नवरात्र में माता भगवती 9 स्वरूपों की पूजा आराधना से महान पुण्य फल प्राप्त होते हैं इसमें कोई संदेह नहीं है मां अपने भक्तों पर अपनी कृपा रूपी अमृत में दृष्टि से देखकर निहाल करती है |