Darshan do ghansyam naath mori akhiyan pyasi re lyrics :->
Darshan do ghansyam naath mori akhiyan pyasi re lyrics
दर्शन दो घनश्याम नाथ
मोरी अँखियाँ प्यासी रे )×2
दर्शन दो घनश्याम
मैं मंदिर की ज्योति जगादो
मैं मंदिर की ज्योति जगादो
घाट घाट बसि रे
दर्शन दो घनश्याम
मंदिर मंदिर मूरत तेरी
फिर भी न दिखे सूरत तेरी
युग बीते ना आई मिलन की
पूरनमासी रे
दर्शन दो घनश्याम.
द्वार दया का जब तू खोले
पंचम सुर में गूंगा बोले
द्वार दया का जब तू खोले
पंचम सुर में गूंगा बोले
अँधा देखे लगदा चल कर
पहुंचे कासी रे
दर्शन दो घनश्याम
पानी पी कर प्यास बुझाउन
नैनं को कैसे समझाऊं
आँख मिचौली छोड़ो अब तो
मनन के बसि रे
दर्शन दो घनश्याम
मोरी अँखियाँ प्यासी रे..