भज ले प्राणी रे अज्ञानी दो दिन की जिंदगानी | Bhaj le prani re agyani lyrics :->यह सुंदर Ram bhajan (SHRI PREM BHUSHAN JI singer ) भक्ति भावना को बढ़ाने वाला है | कृपया ऐसे भजन के अपने अपने परिवार और अपने दोस्तों के साथ शेयर करें धन्यवाद|
Prembhushanji #Ramkatha #Bhajan #Pujyashri
भज ले प्राणी रे अज्ञानी दो दिन की जिंदगानी | Bhaj le prani re agyani lyrics
भज ले प्राणी रे अज्ञानी दो दिन की जिंदगानी,
रे कहाँ तू भटक रहा है यहाँ क्यों भटक रहा है,
झूठी काया झूठी माया चक्कर में क्यों आया
जगत में भटक रहा है
नर तन मिला है तुझे खो क्यों रहा है प्यारे खेल में,
कंचन सी काया तेरी उलझी है विषयों के बेल में,
सुख और दारा वैभव सारा कुछ भी नहीं तुम्हारा
व्यर्थ सिर पटक रहा है…….
चंचल गुमानी मन अब तो जनम को सँवार ले
फिर न मिले तुझे अवसर ऐसा बारंबार रे
रे अज्ञानी तज नादानी भज ले सारंग पाणी
व्यर्थ सर पटक रहा है…..