भद्रकाली जयंती 2021: तिथि, महत्व,पूजा विधि और शुभ मुहूर्त–>भद्रकाली देवी पार्वती का उग्र अवतार हैं। वह देवी शक्ति के नौ रूपों में से एक हैं। हिंदू मान्यता के अनुसार, भद्रकाली जयंती देवी के जन्म के उपलक्ष्य में मनाई जाती है।
पौराणिक कथा के अनुसार, इस शुभ दिन पर सती की मृत्यु के बाद भगवान शिव के बालों से देवी भद्रकाली प्रकट हुई थीं। उसने सभी राक्षसों को मारने और पृथ्वी को उनके चंगुल से मुक्त करने के लिए अवतार लिया। देश के कुछ राज्यों में इस दिन को ‘अपरा एकादशी’ के रूप में भी मनाया जाता है।
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1.भद्रकाली जयंती 2021 तिथि
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, भद्रकाली जयंती ‘ज्येष्ठ’ के महीने में कृष्ण पक्ष की एकादशी (11 वें दिन) को मनाई जाती है। इस वर्ष यह दिन 5 जून, शनिवार को पड़ रहा है।
2.भद्रकाली जयंती का महत्व:
नीलमत पुराण या वितस्ता महात्म्य के अनुसार इस दिन देवी की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।एक लोकप्रिय मान्यता के अनुसार, इस दिन देवी की पूजा करने से सभी बाधाओं को दूर करने और भक्तों की ग्यारह इच्छाओं को पूरा करने में मदद मिलती है क्योंकि यह दिन एकादशी को पड़ता है।

मंगलवार और रेवती नक्षत्र के दिन पड़ने पर दिन और भी शुभ हो जाता है। हालांकि, अगर इसे कुंभ मेले के समय मनाया जाए तो इसका महत्व और बढ़ जाता है।
3.भद्रकाली जयंती 2021 पूजा विधि:
भक्त इस पर्व को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। लोग बड़ी श्रद्धा और समर्पण के साथ प्रार्थना करते हैं। वे इस दिन पीछे या नीले रंग के कपड़े पहनते हैं क्योंकि ये रंग अनुकूल माने जाते हैं।

भक्त पानी, दूध, चीनी, शहद और घी का उपयोग करके देवी भद्रकाली की मूर्ति को ‘पंचामृत अभिषेक’ करते हैं। इसके बाद, वे सोलह श्रृंगार की वस्तुओं का उपयोग करके मूर्ति को तैयार करते हैं। नारियल पानी चढ़ाने के बाद, भक्त चंदन पूजा और बिल्व पूजा करते हैं।
दोपहर में, लोग देवी से आशीर्वाद लेने के लिए प्रार्थना करते हैं और मंत्रों का जाप करते हैं। फिर, भक्त भद्रकाली मंदिरों और मंदिरों में जाते हैं और शाम को अन्य अनुष्ठान करते हैं।
भद्रकाली जयंती 2021: तिथि, महत्व,पूजा विधि और शुभ मुहूर्त