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Bataao Kaha Milega Shyaam Lyrics( श्याम का एक अद्भुत भजन)

बताओं कहाँ मिलेगा श्याम | Bataao Kaha Milega Shyaam Lyrics :->यह सुंदर krishan bhajan भक्ति भावना को बढ़ाने वाला है | यह भजन भगवान के श्री चरणों के प्रति preeti पैदा करने के लिए  है| कृपया ऐसे भजन के अपने  अपने परिवार और अपने दोस्तों के साथ शेयर करें धन्यवाद|

बताओं कहाँ मिलेगा श्याम | Bataao Kaha Milega Shyaam Lyrics

बताओं कहाँ मिलेगा श्याम*
चरण पादुका लेकर सब से*
पूछ रहे रसख़ान।
बताओ कहाँ मिलेगा श्याम*
चरण पादुका लेकर सब से*
पूछ रहे रसख़ान||

वो नन्हाँ सा बालक है*
साँवली सी सूरत है*
बाल घुंघराले उसके*
पहनता मोर मुकुट है*
नयन उसके कजरारे*
हाथ नन्हें से प्यारे*
बांधें पैंजनियां पग में*
बड़े दिलकश हैं नज़ारे*
घायल कर देती है दिल को*
उसकी इक मुस्कान*
बताओ कहाँ मिलेगा श्याम*
चरण पादुका लेकर सब से*
पूछ रहे रसख़ान||

समझ में आया जिसका*
पता तू पूछ रहा है*
वो है बाँके बिहारी*
जिसे तू ढूँढ रहा है*
कहीं वो श्याम कहाता*
कहीं वो कृष्ण मुरारी*
कोई सांवरिया कहता*
कोई गोवर्धन धारी*
नाम हज़ारो ही है उसके*
कई जगह में धाम*
बताओ कहाँ मिलेगा श्याम*
चरण पादुका लेकर सब से*
पूछ रहे रसख़ान||

मुझे ना रोको भाई*
मेरी समझों मजबूरी*
श्याम से मिलने दो*
बहुत है काम ज़रूरी*
सीढ़ीओं पे मंदिर के*
डाल कर अपना डेरा*
कभी तो घर के बाहर*
श्याम आएगा मेरा*
इंतज़ार करते करते ही*
सुबह से हो गई श्याम*
बताओ कहाँ मिलेगा श्याम*
चरण पादुका लेकर सब से*
पूछ रहे रसख़ान ||

जाग कर रात बिताई*
भोर होने को आई*
तभी उसके कानों में*
कोई आहट सी आई*
वो आगे पीछे देखे*
वो देखे दाए बाएं*
वो चारों और ही देखे*
नज़र कोई ना आएं*
झुकी नज़र तो कदमो*
में ही बैठा नन्हा श्याम*
बताओ कहाँ मिलेगा श्याम*
चरण पादुका लेकर सब से*
पूछ रहे रसख़ान ||

ख़ुशी से गद गद होकर*
गोद में उसे उठाया*
लगा कर के सीने से*
बहुत ही प्यार लुटाया*
पादुका पहनाने को*
पावं जैसे ही उठाया*
नजारा ऐसा देखा*
कलेजा मुँह को आया*
काँटे चुभ चुभ कर के*
घायल हुए थे नन्हें पाँव*
बताओ कहाँ मिलेगा श्याम*
चरण पादुका लेकर सब से*
पूछ रहे रसख़ान ||

ख़बर देते तो खुद ही*
तुम्हारे पास मैं आता*
ना इतने छाले पड़ते*
ना चुभता कोई काँटा*
छवि जैसी तू मेरी बसा के*
दिल में लाया*
उसी ही रूप में तुमसे*
यहाँ मैं मिलने आया*
गोकुल से मैं पैदल आया*
तेरे लिए बृजधाम*
बताओ कहाँ मिलेगा श्याम*
चरण पादुका लेकर सब से*
पूछ रहे रसख़ान ||

श्याम की बाते सुनकर*
कवि वो हुआ दीवाना*
कहा मुझको भी दे दो *
अपने चरणों में ठिकाना*
तू मालिक है दुनिया का*
यह मैंने जान लिया है*
लिखूंगा पद तेरे ही*
आज से ठान लिया है।
श्याम प्रेम रस बरसा सोनू*
खान बना रसखान*
बताओ कहाँ मिलेगा श्याम*
चरण पादुका लेकर सब से*
पूछ रहे रसख़ान ||

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