यह भगवान श्रीकृष्ण के अद्वितीय प्रेमिका की महिमा का महत्वपूर्ण हिस्सा है। निम्नलिखित साम्प्रदायों में श्री राधा की भक्ति की जाती है:

1.गौड़ीय वैष्णव सम्प्रदाय: गौड़ीय वैष्णव सम्प्रदाय, जिसके प्रमुख आचार्य आदि शंकराचार्य और चैतन्य महाप्रभु थे,

श्री राधा और श्रीकृष्ण के प्रेम को महत्वपूर्ण रूप से मानता है। इस सम्प्रदाय में श्री राधा की भक्ति को अद्वितीय और अदर्शता के साथ माना जाता है।

2.निम्बार्क सम्प्रदाय: निम्बार्क सम्प्रदाय, जिसे श्री निम्बार्काचार्य ने स्थापित किया, भी श्री राधा की भक्ति को महत्वपूर्ण मानता है।

इस सम्प्रदाय में, भक्तों को भगवान की अपरिमित प्रेम और भक्ति की दिशा में मार्गदर्शन किया जाता है, और श्री राधा का महत्व बड़ाया जाता है।

3.राधा सोामी सम्प्रदाय: इस सम्प्रदाय के अनुयाय भी श्री राधा की भक्ति में समर्पित रहते हैं।

इसमें भक्तिमार्ग के माध्यम से आत्मा को भगवान के साथ एक करने का संदेश दिया जाता है।

4.अन्य सम्प्रदाय: श्री राधा की भक्ति का प्रमोट करने वाले अन्य सम्प्रदाय भी हैं,

जैसे कि वल्लभ सम्प्रदाय, बाबा अल्ख सम्प्रदाय, और अन्य।

इन साम्प्रदायों में, भक्ति के विभिन्न मार्गों के माध्यम से श्री राधा की पूजा और भक्ति की जाती है।

सके अलावा, भगवान श्रीकृष्ण के अद्वितीय प्रेम की कथाएं और लीलाएं भक्तों को प्रेरित करती हैं श्री राधा के प्रति अपनी भक्ति को मजबूती से बढ़ाने के लिए।