राधा कुंड एक प्रमुख तीर्थस्थल है जो वृंदावन, उत्तर प्रदेश, भारत में स्थित है।

यह स्थान भगवान श्री कृष्ण के अनमोल प्रेमी राधा जी के स्नान के लिए प्रसिद्ध है। राधा कुंड को राधा रानी के नाम पर रखा गया है जो कृष्ण के सबसे प्रिय गोपिका थीं।

राधा कुंड का महत्व: राधा कुंड भगवान श्री कृष्ण के प्रेम के अद्भुत व्यक्तिगत स्थलों में से एक है। इस कुंड का पानी राधा जी के प्रेम के संबंध में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।

इसे भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी के प्रेम के प्रतीक के रूप में जाना जाता है जो एक-दूसरे के साथ यहां स्नान करते थे।

राधा कुंड के पौराणिक महत्व:पुराणों के अनुसार, राधा कुंड का निर्माण भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी के प्रेम के दर्शन को प्रोत्साहित करने के लिए किया गया था। इस स्थान का नाम “राधा कुंड” भगवान श्री कृष्ण की प्रिय गोपिका राधा जी के नाम पर रखा गया है।

राधा कुंड के आस-पास के मंदिर: 1.– श्री राधा गोविंद मंदिर: यह मंदिर भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी को समर्पित है। इसका स्थापना वर्ष 1590 में राजा मंसिंग के द्वारा की गई थी।

– श्री राधा मधन मोहन मंदिर: यह मंदिर राधा कुंड के निकट स्थित है और भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी को समर्पित है।

– श्री राधा वल्लभ मंदिर: यह मंदिर राधा कुंड के पास है और राधा रानी को समर्पित है। यहां पर भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी की विभिन्न मूर्तियां स्थापित हैं जिन्हें भक्त नियमित रूप से पूजते हैं।

राधा कुंड एक धार्मिक और आध्यात्मिक स्थल है जहां भक्त राधा रानी और भगवान श्री कृष्ण के प्रेम के आनंद को महसूस करते हैं और उनके प्रेम के गाने गाते हैं। इस स्थान की शान

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जानिए राधा कुंड  क्या होता है