1. कर्म योग का मार्ग: श्रीकृष्ण भगवान ने अपने जीवन में कर्म योग का पालन किया और हमें यह सिखाया कि कर्मों को ईश्वर के लिए किया जाना चाहिए, बिना फल की आकांक्षा के।

1. कर्म योग का मार्ग: श्रीकृष्ण भगवान ने अपने जीवन में कर्म योग का पालन किया और हमें यह सिखाया कि कर्मों को ईश्वर के लिए किया जाना चाहिए, बिना फल की आकांक्षा के।

2. धर्म का पालन: श्रीकृष्ण जी ने अपने जीवन में धर्म का पालन किया और धर्मिक जीवन की महत्वपूर्णता को बताया।

3. आत्मा की अनन्य भक्ति: उन्होंने भक्ति की महत्वपूर्णता को बताया और यह सिखाया कि आत्मा की अनन्य भक्ति ही उसके पास पहुँचने का मार्ग है।

4. मित्रता और सहयोग: श्रीकृष्ण और उसके साथी गोपों के बीच की अद्वितीय मित्रता और सहयोग की मिसाल दी। हमें इससे यह सिखने को मिलता है कि सच्ची मित्रता और साथी का सहयोग हमारे जीवन में कितना महत्वपूर्ण है।

5 आत्मा का अमरता: भगवान श्रीकृष्ण ने आत्मा की अमरता के सिद्धांत को सिखाया और यह बताया कि आत्मा मरने के बाद भी अमर होती है।

6.. कठिनाइयों का सामना: उन्होंने अपने जीवन में कई कठिनाइयों का सामना किया और हमें यह सिखाया कि हमें आपात समय में संयम और सहनशीलता बनानी चाहिए।

7. भक्ति और प्रेम का मार्ग: उन्होंने भगवान के प्रति अपना अद्वितीय प्रेम प्रकट किया और यह सिखाया कि भगवान के प्रति भक्ति और प्रेम का मार्ग सुखद और मार्गदर्शक होता है।

8. सत्य और धर्म की प्राथमिकता: श्रीकृष्ण जी ने सत्य और धर्म की प्राथमिकता को बताया और हमें यह सिखाया कि हमें हमेशा सत्य और धर्म का पालन करना चाहिए।

9 जीवन का उद्देश्य: उन्होंने हमें जीवन का असली उद्देश्य और मोक्ष की प्राप्ति के मार्ग के बारे में बताया।

10. हंसी और आनंद: भगवान श्रीकृष्ण ने हमें हंसी और आनंद का महत्व सिखाया और यह बताया कि जीवन को हंसी और आनंद से जीना चाहिए।

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