मीराबाई की जीवनी | meera bai biography in hindi :- मीराबाई हिंदी भक्ति काल की कृष्ण भक्त कवित्री है। उनके अनेक काव्य। पति के साथ साथ चौथी कुल मर्यादा तथा अंधी नैतिकता के प्रति विद्रोह है।
Table of Contents
मीराबाई की जीवनी | meera bai biography in hindi
उन्होंने सोलवीं सदी में नारी स्वतंत्रता का बिगुल भी बजा दिया था। उन्हें नारी विमर्श की महान क्रांतिकारी कवित्री के रूप में देखा जा सकता है।
मीराबाई का जन्म कब हुआ?(Meera bai birth place) :-
भक्त मीराबाई का जन्म सन 1498 में जोधपुर राजस्थान के कुर्की गांव में राव रतन सिंह राठौर के घर हुआ। बचपन में ही मां के निधन के कारण इनका पालन-पोषण इनके दादा दादी जी ने किया। मीरा के दादा जी श्री कृष्ण के भक्त थे। उनकी कृष्ण भक्ति से प्रभावित होकर मेरा बचपन से ही श्री कृष्ण भक्ति में लीन हो गई।
मीरा बाई का विवाह किससे हुआ। (Meera Bai ka vivah kisse hua tha):-
मीरा का विवाह मेवाड़ के राणा सांगा के सबसे बड़े पुत्र भोजराज के साथ हुआ। परंतु विवाह के कुछ वर्ष बाद ही यह विधवा हो गई। इस दुखद घटना ने मीरा को संसार से विकृत कर दिया।
मीरा का साधु संतों के संघ ( Meera Bai ka sadhu santo ka sang) :-
वैधव्य ने भक्ति के संस्कारों को पलवित किया और मेरा भाई उस समय के राजघरानों की मर्यादा को छोड़ साल संतों के बीच रहने मंदिर में कीर्तन करने और नाचने गाने लगी। राजपूती शान के विरुद्ध आचरण से परिवार के सभी लोग मीरा से रुष्ट हो गए। इनके देवर ने तो कई बार मीरा को मरवाने की चेष्टा विकी पर श्री कृष्ण जी की कृपा से मेरा हर बार बच गई।
मीराबाई ने कब किया प्राणों का त्याग?( When did Meera bai died) :-
परिवार के लोगों के व्यवहार से दुखी होकर मीरा वृंदावन और फिर द्वारका चली गई। वहीं उन्हें दे प्यार दे। और इनकी मृत्यु का वर्ष विभिन्न विद्वानों ने अलग-अलग बताया है।
मीराबाई जी की रचनाएं। :-
मीराबाई की राम गोविंद, राग सरठा के पद, नरसिंह जी की का मायरा,गीत गोविंद की टीका , तथा मीरा की पदावली। यह रचनाएं माय मीरा की मानी जाती हैं। इनमें से मीरा पदावली मीराबाई की प्रमुख रचना है। उनकी भक्ति में माधुर्य भाव है। शैली मुक्तक है। जिसमें के तत्व है। भाषा में राजस्थानी मारवाड़ी ब्राउज़र गुजराती का संगम है।
मीराबाई के गुरु का नाम क्या था?(Meera bai ke guru ka naam kya tha)
मीराबाई के गुरु का नाम संत रविदास जी महाराज था।