अपने दिल का दरवाजा हम खोल के सोते है|Apne Dil Ka Darwaja Hum Khol Ke Sote Hai :–>यह सूंदर भजन Saurabh-मधुकर जी द्वारा गायन किया गया है यह भजन खाटू शयम जी उसतत जी में गायन किया गया है
अपने दिल का दरवाजा हम खोल के सोते है lyrics
अपने दिल का दरवाजा हम खोल के सोते है
सपने में आ जाना मईया,ये बोल के सोते है
अपने दिल का दरवाजा हम खोल के सोते है
थोड़ी सी रहत हो
पूरी ये चाहत हो,
सपने में बात करूँ
इतनी सी इजाजत हो
अँखियों की खिड़की को भी
हम टटोल के सोते है
अपने दिल का दरवाजा हम खोल के सोते है
सपने में आये तू
कहीं आँख ना खुल जाए
बाते करते करते दिन रात निकल जाए
इस दुनिया से हर नाता हम तोड़ के सोते है
अपने दिल का दरवाजा हम खोल के सोते है
सपना टूटे मेरा,सपने में खो जाऊं
सपने की चाहत में मैं फिर से सो जाऊं
जीवन की सारी इच्छा हम छोड़ के सोते है
अपने दिल का दरवाजा हम खोल के सोते है
ये प्रेम हमारा मअबूस इतना बढ़ जाए
सपने में आने की तुझे आदत पद जाए
बनवारी इन हांथो को हम जोड़ के सोते है
अपने दिल का दरवाजा हम खोल के सोते है